सावरकर क्रांति शांति धर्म राष्ट्र नैतिकता की स्वर साधना का चरित्र महान। सावरकर क्रांति शांति धर्म राष्ट्र नैतिकता की स्वर साधना का चरित्र महान।
कोइ कहता है कमल बड़ा है कोइ कहता हेै साइकिल कोइ कहता है गीता बड़ी है! कोइ कहता है कमल बड़ा है कोइ कहता हेै साइकिल कोइ कहता है गीता बड़ी है!
आज भी समझते है हम कि सिर्फ नारी की अस्मत पर अधिकार हमारा है आज भी समझते है हम कि सिर्फ नारी की अस्मत पर अधिकार हमारा है
अचानक खड़ी हो निकलती है जब आँखों में लज्जा की सृष्टि लिए अचानक खड़ी हो निकलती है जब आँखों में लज्जा की सृष्टि लिए
कैसे बंट सकता है फिर मेरा भारत छोटे छोटे संकीर्ण परिवेश में। कैसे बंट सकता है फिर मेरा भारत छोटे छोटे संकीर्ण परिवेश में।
तो जाति, धर्म कहाँ से आया ? वैसे ही आँसू का कोई धर्म नहीं। तो जाति, धर्म कहाँ से आया ? वैसे ही आँसू का कोई धर्म नहीं।